Ayatul Kursi In Hindi | आयतुल कुर्सी हिंदी में

Ayatul Kursi In Hindi– अस्सलामुअलैकुम मेरे अज़ीम भाइयों और बहनों आज के आर्टिकल में हम पढ़ने वाले हैं आयतुल कुर्सी हिंदी में Ayatul Kursi In Hindi और आयतुल कुर्सी के फ़ज़ीलत भी जानेंगे तो आप बने रहे हमारे साथ और आर्टिकल को इत्मीनान से पढ़ें।

Ayatul Kursi Ki Fazilat | आयतुल कुर्सी की फ़ज़ीलत

आयतुल कुर्सी बहुत ही फजीलत वाली आयत है और यह कुरान की सबसे अजीम तरीन आयत है इसको हमारे रसूल स. अ. ने फैमाया की यह कुरआन में तमाम आयत में अफज़ल है।

हज़रत अबू हुरैरा र. अ. फरमाते है की रसूल स. अ. ने फ़रमाया की सूर्य सूरह बकरा में एक आयत है जो कुरान की तमाम आयत की सरदार है और इसे जिस घर में पढ़ा जाए वह शैतान नहीं ठैर सकता।

इसे खास इसलिए कहा गया है क्योंकि इस सूरह में अल्लाह की तौहीद का जिक्र किया गया है और साफ़ साफ़ तौर पर शिर्क को रद्द किया गया है।

आयतुल कुर्सी में 10 में जुमले हैं जिनके जरिये अल्लाह की तौहीद को बयां किया गया है और शिर्क को रद्द किया गया है।

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अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं

इसमें अल्लाह की ज़ात के बारे में बताया गया है जिसके सिबाह कोई माबूद नहीं और अल्लाह ही एक ऐंसी ज़ात है जो तमाम बुराइयों से पाक है अल्लाह ही तमाम कमल करने वाला है इसके अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं।

वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है

अल्लाह हमेशा जिंदा रहने वाला है और कायम रहने वाला है साथ ही पूरी कायनात को कायम रखता है मतलब संभालता है (सहारा देता है) अल्लाह को किसी के सहारे के जरूरत नहीं कय्यूम अल्लाह तआला की ख़ास सिफत है, इसलिए ये बिलकुल नाजायज़ है की आप किसी व्यक्ति को कय्यूम कहें आप उसे अब्दुल कय्यूम के सकते हैं जिसका अर्थ है (कय्यूम का बंदा) मतलब अल्लाह का बंदा।

न उसको ऊंघ आती है न नींद

इस आयत से अल्लाह ने इंसानों को बता दिया है की अल्लाह न तो कभी थकता है और न ही उसे कभी नींद आती है नींद तो केवल इंसानो और अल्लाह जानवरों को आती है और वही थकते भी हैं अल्लाह तो पूरी कायनात को सभालने वाला (सहारा देने वाला है) उसे कभी नींद नहीं आती।

अल्लाह ने ही इंसानों को बनाया है और उसने ही इंसानों के अंदर थकान डाली है इससे आप समझ सकते हैं जिसने हमें बनाया है और हमारे अंदर थकान डाली है या नींद डाली है तो उसे थकान या नींद कैसे आ सकती है।

जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है

जो कुछ भी आसमान में है और जमीन में है वह सब अल्लाह का है (अल्लाह का बनाया हुआ है) और अल्लाह के द्वारा ही दिया गया है।

कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके

इसका मतलब ऐसा कौन है जो उसके सामने किसी की सिफारिश कर सके केवल कुछ मकबूल बन्दों को छोड़कर जीने अल्लाह ने बात करने के तथा सिफारिश करने की इजाज़त देगा लेकिन बगैर अल्लाह की इजाज़त के कोई भी शिफारिश नहीं कर सकता।

वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है

अल्लाह हर बात जानता है चाहे वह आप खुलेआम करो या कही छिपकर करो इसके और भी कई मतलब हो सकते हैं जैसे अल्लाह आपके हर हालात के बारे में जानता है जो अभी चल रहे है या आगे आपके साथ होने वाले हैं।

इसके अलावा यह भी मतलब हो सकता है की इंसान जितना दुनिया या आसमान के बारे में नहीं जानते हैं अल्लाह हर एक चीज़ जमीन और आसमान के बारे में जनता है।

बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे

अल्लाह के इल्म को बन्दे (इंसान) बिलकुल भी नहीं जानते, सिर्फ इंसान उसी बातों का इल्म ले सकता जो अल्लाह देना चाहे और उतना ही इल्म ले सकता है जितना अल्लाह देना चाहे। अल्लाह जिस बन्दे को जितना इल्म देना चाहे उतना ही मिल सकता है।

उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है

अल्लाह की कुर्सी इतनी बड़ी है की पूरी ज़मीन और आसमान उसमे समाये हुए हैं यह बात के बारे हमें ज्यादा अनुमान लगाने की जरूरत नहीं है क्यूंकि अल्लाह की कुदरत हमारी समझ से बहार है।

ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं

अल्लाह के लिए जमीनो और आसमानो की हिफाजत करना कोई बड़ी बात नहीं यह सब काम अल्लाह की कुदरत के सामने कुछ भी नहीं।

वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है

अल्लाह सबसे ज्यादा अज़ीम और बलंद है अभी तक हमें इस आयत में जितने भी जुमले पढ़े सबमे अल्लाह की बुलंदी और कुदरत के बारे में बताया गया है इसे पढ़ने के बाद तो हर अकाल वाला इंसान यही कहेगा सभी तारीफें और बुलंदियां अल्लाह के लिए हैं।

Ayatul Kursi Hindi Mai | आयतल कुर्सी इन हिंदी

Ayatul Kursi In Hindi
Ayatul Kursi In Hindi
Ayatul Kursi In Hindi

हिंदी में

अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
न उसको ऊंघ आती है न नींद
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल है
बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है

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